डॉ.प्रियंका रेड्डी का जिस प्रकार से बलात्कार कर जलाकर हत्या कर दिया गया इंसानियत एक बार फिर से एक बार शर्मसार हुयी है।बड़ा ही दुख पहुंचता है कि हमारे समाज मे इस प्रकार से वहशी दरिंदे हैं जो हमारे पुरुष समाज को शर्मसार कर रहे हैं,वे यह भूल जाते हैं कि वे भी किसी मां के बेटे हैं,बहन के भाई हैं।इसी विषय को लेकर चंद पंक्ति अर्पित कर रहा हूँ।
।इंसानियत फिर शर्मसार हुयी।
कोई किसी की मां यहां तो,
तो कोई किसी का फादर होगा
हमारे समाज मे कब तक,
माताओं बहनों का अनादर होगा।
मां और बहनों को चरणों मे सदा,
*मुकेश प्रजापति* का प्रणाम सादर होगा।
ऐसे समाज मे रह नहीं सकते हम,
जहां महिलाओं का अनादर होगा।
दरिंदे और भेड़ियों का जब लोगों में,
समाजिक बहिष्कार का ये कथन होगा
तभी हमारी बहु बेटियों के चरित्र का,
ना कोई चीर हरण ना कोई हनन होगा।
इंसानी खाल में भेड़ियों से,
देश का एक दिन पतन होगा।
अब कोई हमें कैसे बताये कि,
बेटियों का कैसे यहां जतन होगा।
आखिर इंसानियत कब तक शर्मसार होगा।
आखिर इंसानियत कब तक शर्मसार होगा।
*मुकेश प्रजापति*
*( विरार )*
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