शिक्षा की सार्थकता तय तक अपूर्ण मानी जाती है जब तक उसमें कक्षागृह के बाहर के प्रभावों का समावेश न हो जो व्यवहार को अभीष्ट दिशाओं में निर्देशित करने में सहायता प्रदान करते हैं, अतः विद्यालय ही व्यक्ति की शिक्षा का एकमात्र साधन नहीं है। जो स्वयं में महत्वपूर्ण है और जो व्यक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। ये साधन साथ ही सामाजिक कल्याण के लिए कार्य करते हैं। ये साधन अनौपचारिक साधनों घर, समाज, राज्य आदि से भिन्न होते हैं। इनमें रोजगार प्रदान करने वाले संस्थान, समाज कल्याण साधन, अवकाशकालीन कार्यकलाप, पत्र-पत्रिकाएं, चलचित्र, रेडियों, दूरदर्शन, कैसेट, वीडियो, कैसेट, शिक्षण-मशीन, आदि सम्मिलित हैं।
जनसंचार गैरऔपचारिक शिक्षा का एक शक्तिशाली साधन हैं। जनसंचार के साधन ऐसे साधन हैं जिनके प्रयोग से विभिन्न प्रकार की सूचनाओं, का प्रयास किया जाता है। गैर-औपचारिक शिक्षा के इन साधनों के उपयोग से अनेक शैक्षिक कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उदाहरणार्थ- सबके लिये शिक्षा पहुंचाने का कार्य रेडियों, दूरदर्शन आदि के माध्यम से, सामाजिक नाटकों के प्रसारण से सामाजिक चेतना का विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रदर्शन से संस्कृति से परिचय तथा उसका संरक्षण। इनका राजनैतिक चेतना के विकास के लिए महत्वपूर्ण ढंग से प्रयोग किया जा रहा है।
बहुत से व्यक्ति ऐसे हैं जिनकी शिक्षा जीवकोपार्जन के स्तर तक नहीं हो पाती, परन्तु इनको रोजगार की तलाश तो करनी पड़ती है। रोजगार देने वाले संस्थान इन कम पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार प्राप्ति के लिये उपयुक्त कार्यों का प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये उनके व्यवहार प्रतिमानों तथा आधारित मूल्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। स्वतंत्र भारत में अनेक समाज कल्याण केन्द्र खुले हैं। ये निजी तथा सरकारी संगठनों के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन साधनों में रेडक्रास, रोटरी तथा स्वैच्छिक शिक्षा संगठन आदि प्रमुख हैं। ये साधन बालकों, युवाओं तथा वयस्कों के लिये कार्य करते हैं।
मंचीय अभिनय, सामूहिक गायन एवं वादन, वाद-विवाद, विचार-विमर्श, लघुयात्रायें, पिकनिक, मन्दिर मस्जिद, गिरजाघर से सम्बन्धित सामाजिक क्रियायें अवकाशकालीन कार्यकलाप हैं जो बाल, युवा तथा वृद्धों की अवकाशकालीन आवश्यकताओं का प्रकाशन तथा विकास किया जाता हैसाथ ही ये साधन उनके लिये उपयुक्त वातावरण का निर्माण करते हैं।